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डॉ. रामदयाल कोष्टा ‘श्रीकान्त’
3 दिन पहले
श्रीकृष्ण सरल कृत ‘विवेकाञ्जलि’ : भारतीय संस्कृति का वसीयतनामा
श्रीकृष्ण सरल के गीतों में भावों को स्पष्ट रूप में प्रगट करने की क्षमता है। अध्यात्म जैसे गूढ़ विषय को सरल कविता में बाँधकर सामान्य जन का कण
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डॉ. सन्तोष व्यास
5 जन॰
साहित्यिक दधीचि थे श्रीकृष्ण सरल
शौर्य, वीरता के अमर गायक श्री श्रीकृष्ण सरल का निधन 2 सितम्बर 2000 को 81 वर्ष की अवस्था में उज्जैन में हो गया।अमर शहीदों के चारण की भूमिका..
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डॉ. विकास दवे
25 दिस॰ 2024
एक जीवित शहीद : श्रीकृष्ण सरल
महान क्रान्तिकारी परमानन्दजी कहते हैं–
“सरलजी ‘जीवित शहीद’ हैं। उनकी साहित्य साधना तपस्या कोटि की साधना है।
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कृष्णकुमार अष्ठाना
17 दिस॰ 2024
शहीदों का चारण : उनकी यश–गाथा गाते–गाते चला गया
सरलजी ने 20–20 घण्टे लगातार बैठकर क्रान्तिकारियों पर लिखा और रक्त की एक–एक बूंद सुखाकर जो कर्ज राष्ट्र ने खाया था उसे चुकाने का प्रयत्न किया
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डॉ. कृष्णगोपाल मिश्र
14 दिस॰ 2024
सरलजी के गीतों का काव्य सौन्दर्य
सर्वविदित है कि महाकवि श्रीकृष्ण 'सरल' की काव्य चेतना का मूल–स्वर राष्ट्रीयता है। उनके उपर्युक्त गीतों में युवा पीढ़ी का प्रबोधन भी इसी दृष्
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क्रान्तिरथी ब्लॉग
भारतीय क्रान्तिकारियों पर केन्द्रित प्रामाणिक लेख, संस्मरण, शोधपत्र आदि को वेबसाइट पर 'क्रान्तिरथी ब्लॉग' के माध्यम से सहेजा जा रहा है।
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डॉ. रमेश चंद्र
22 अप्रैल 2023
उज्जैन में माँ विद्यावती द्वारा शहीद भगत सिंह पर विश्व के प्रथम महाकाव्य का ऐतिहासिक लोकार्पण
उज्जैन के लिए ऐतिहासिक दिन था, जब राष्ट्रकवि श्रीकृष्ण सरल के महाकाव्य सरदार भगत सिंह के लोकार्पण के लिए माँ विद्यावती देवी उज्जैन पधारी थीं
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जगदीश शर्मा 'सहज'
16 अक्तू॰ 2022
श्रीकृष्ण सरल ने राष्ट्रीय-संत के समान लालसाविहीन जीवन जिया था
राष्ट्रकवि श्रीकृष्ण सरल भारत के महान राष्ट्रीय-संत विनोबा भावे की ही तरह लालसाविहीन जीवन जीते रहे एवं समाज व राष्ट्र की उन्नति के लिए अपना
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डॉ. लता अग्रवाल 'तुलजा'
2 अक्तू॰ 2022
राष्ट्रकवि श्रीकृष्ण सरल : साहित्य एवं लोकमानस की शुभकामनाएं ही उनकी धरोहर रही है
साहित्य और साहित्यकार जो राष्ट्र को समर्पित हो, ऐसे ही संदर्भ की जब बात निकलती है तो बस एक नाम मानस पटल पर आता है, वह है - ‘श्रीकृष्ण सरल'
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