डॉ. प्रेम भारती | साहित्यकार एवं शिक्षाविद30 जुल॰ 2023सरल-कीर्तिक्रान्तिकारी लेखन करनेवाले प्रोफेसर श्रीकृष्ण सरल के साहित्य में सर्वत्र देश की मिट्टी बोलती हैश्रीकृष्ण सरल की कविता कुर्सी पर बैठकर की गई टेबल-ड्राफ्टिंग नहीं है बल्कि प्रमाण जुटाने के लिए जगह-जगह खाक छानकर शूल-पत्थरों से लहू-लुहान..
डॉ. भगवानस्वरूप चैतन्य11 मई 2023सरल-कीर्तिमहाकवि श्रीकृष्ण सरल का महाकाव्य ‘तुलसी–मानस’ : रामचरित मानस का पुनर्सृजन ही हैश्रीकृष्ण सरल द्वारा रामचरित मानस के इस पुनर्सृजन में मानस के भीतर एक मानस है, जिसमें रामकथा का संक्षिप्त,सुन्दर, सर्वांग स्वरूप नए क्षितिज
डॉ. रमेश चंद्र22 अप्रैल 2023सरल-कीर्तिउज्जैन में माँ विद्यावती द्वारा शहीद भगत सिंह पर विश्व के प्रथम महाकाव्य का ऐतिहासिक लोकार्पणउज्जैन के लिए ऐतिहासिक दिन था, जब राष्ट्रकवि श्रीकृष्ण सरल के महाकाव्य सरदार भगत सिंह के लोकार्पण के लिए माँ विद्यावती देवी उज्जैन पधारी थीं
डॉ. स्वाति चड्ढा11 मार्च 2023शब्द-साधकस्वतंत्रता संग्राम में हिन्दी साहित्य की भूमिका- विभिन्न साहित्यकारों के परिप्रेक्ष्य मेंस्वतंत्रता के इस महायज्ञ में समाज के प्रत्येक वर्ग ने अपने-अपने तरीक़े से बलिदान दिए और साहित्यकार तो सदा से ही चिंतन का स्रोत रहा है, तो भल
डॉ. देवेन्द्र दीपक24 फ़र॰ 2023शब्द-साधकएक जाति-वैद्य के हवाले सेआत्मवंचना से बच परकीयों के प्रपंच को पहचान धर्मांतरण का प्रतिफल राष्ट्रान्तरण! और राष्ट्रान्तरण किसी दूसरे का नहीं अपना मरण है !
डॉ. धर्मेन्द्र सरल शर्मा | Dr. Dharmendra Saral Sharma19 फ़र॰ 2023क्रान्तिरथीक्रांतिकारियों का शहज़ादा : अशफ़ाक़-उल्ला खा़ँअशफ़ाक़ और पं.रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ में गहरी दोस्ती थी और वह अपना अधिकांश समय उनके साथ शाहजहांपुर के आर्य समाज मंदिर में बिताता था। एक बार...
जगदीश शर्मा 'सहज'16 अक्तू॰ 2022सरल-कीर्तिश्रीकृष्ण सरल ने राष्ट्रीय-संत के समान लालसाविहीन जीवन जिया थाराष्ट्रकवि श्रीकृष्ण सरल भारत के महान राष्ट्रीय-संत विनोबा भावे की ही तरह लालसाविहीन जीवन जीते रहे एवं समाज व राष्ट्र की उन्नति के लिए अपना
डॉ. लता अग्रवाल 'तुलजा'2 अक्तू॰ 2022सरल-कीर्तिराष्ट्रकवि श्रीकृष्ण सरल : साहित्य एवं लोकमानस की शुभकामनाएं ही उनकी धरोहर रही हैसाहित्य और साहित्यकार जो राष्ट्र को समर्पित हो, ऐसे ही संदर्भ की जब बात निकलती है तो बस एक नाम मानस पटल पर आता है, वह है - ‘श्रीकृष्ण सरल'